डेंटल इम्प्लांट कब कराना जरूरी होता है, कैसे कराएं और किससे कराएं, यहां जानें सारे जवाब

डेंटल इम्प्लांट कब कराना जरूरी होता है, कैसे कराएं और किससे कराएं, यहां जानें सारे जवाब

सेहतराग टीम

इंफेक्शन या समय के साथ हमारे दांत कमजोर हो जाते हैं या तो किसी कारण से डैमेज हो जाते हैं। जिससे दांतों की जड़े टूट जाती है और दांत निकल जाते हैं। इसलिए हमारे दांतों को निकालना पड़ जाता है। इससे दो दांतों के बीच खाली जगह हो जाती है। खाली जगह पर नए दांत लगाने के लिए सबसे नवीनतम तकनीक इम्प्लांट इस्तेमाल में लाई जा रही है। हालांकि कुछ सवाल हैं जैसे इम्प्लांट क्या होता है? किन-किन दांतों का इम्प्लांट ज्यादा जरूरी होता है? और किससे कराना चाहिए? अक्सर लोगों को इन सवालों के बारे में पूरी तरह नहीं पता होता है। इसलिए हमने इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए डॉ. विकास कुमार से बात की। आइए जानते हैं।

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इम्प्लांट क्या है और कैसे कराना चाहिए?

डॉ. विकास कुमार ने बताया कि इसमें जहां दांत इम्प्लांट करना होता है, वहां मसूड़े में सर्जरी की सहायता से टाइटेनियम धातु का बना कृत्रिम 'रुट' फिट किया जाता है। यह कृत्रिम रुट कुछ ही दिनों में मसूड़े की हड्डी के साथ अच्छी तरह मिल जाता है और असली जड़ की तरह हो जाता है। इस कृत्रिम जड़ (रुट) में एक छेद होता है, जिसमें एक स्क्रू के सहारे सिरेमिक से बने दांत लगा दिए जाते हैं। इस नकली दांत की खासियत है कि इसे असली दांत से फर्क करना कठिन है। यह असली दांत की तरह ही काम करता है और चेहरे की सुंदरता में भी चार चांद लगाता है। इम्प्लांट का फायदा है कि इसमें दोनों बगल के दांत को छोटा नहीं करना पड़ता है। और मसूड़े में फिट होने के कारण स्थायी हो जाता है। इम्प्लांट कराने के लिए उम्र कोई बाधा नहीं होती है।             

इम्प्लांट कब जरूरी होता है?

डॉ विकास कुमार ने बताया कि इंफेक्शन या समय के साथ हमारे दांत कमजोर हो जाते हैं या तो किसी कारण से डैमेज हो जाते हैं जिससे दांतों की जड़े टूट जाती है और दांत निकल जाते हैं। इसके अलावा अमूमन हमारा दांत पूरी तरह सड़ जाता है। ऐसे समय में दांत का इम्प्लांट कराना जरूरी होता है। मरीज में दांत इम्प्लांट करने से पूर्व उनके दांत का एक्सरे लिया जाता है, जिससे पता लग जाता है कि मसूड़े के अंदर हड्डी कितनी है। इसके बाद जांच के अनुसार इम्प्लांट की प्रक्रिया पूरी की जाती है।

किन दांतों का इम्प्लांट जरूरी है?

डॉक्टर के अनुसार अक्ल डाढ़ को छोड़कर सभी दांतों का इम्प्लांट हो सकता है। इसके अलावा जाड़े के दांतों का समय पर इम्प्लांट बहुत जरूरी होता है।

किससे कराएं:

दांतों का इम्प्लांट हमेशा सर्टिफाई इम्प्लांटोलॉजिस्ट (Certify implantologist) से ही कराएं।

इम्प्लांट की कीमत:

भारत में इम्प्लांट आपके द्वारा चुने गए उत्पाद के प्रकार और उपचार केंद्र पर निर्भर करता है जहां आप उपचार प्राप्त कर रहे हैं। इसकी कीमत 25000 हो सकती है लेकिन ये स्थान और डॉक्टर के अनुसार बदल सकती है। इसके अलावा कृत्रिम दांत और चिकित्सा व्यय अतिरिक्त हो सकते हैं।

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इम्प्लांट के बाद रखें ये सावधनियां रखें:

  • मुंह की सफाई की विशेष ध्यान रखें। जैसे आप अपने प्राकृतिक दांतों की सफाई करते हैं वैसे ही मसूड़ों और आर्टिफीशियल दांतों को साफ करें।
  • डेंटिस्ट से अपने दांतों की जांच लगातार कराते रहें। इससे इम्प्लांटेशन के बाद होने वाले बदलाव आदि के बारे में पता चलेगा।
  • सर्जरी के बाद इम्प्लांट किए गए दांतो से आप कुछ कड़ी चीजें न चबाएं। जैसे-बर्फ या हार्ड कैंडी आदि। ऐसा करने से क्राउन टूट सकता है।
  • सर्जरी के बाद तंबाकू और कैफीन का सेवन करने से बचें।

(डॉ. विकास कुमार B.D.S, Implantologist का क्लिनिक गाजियाबाद इंद्रिरापुरम में है। पता: LGF 001 Rajhans Plaza. आलेख रोहित पाल से बातचीत पर आधारित है।)

 

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